diwali24-laxmi-pujan-muhurat: देश के अकोला से लेकर पूर्वी भागों में दीपावली 1 नवंबर को ही रहेगी ; रात्रि भर कर सकते हैं लक्ष्मी पूजन

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भारतीय अलंकार न्यूज 24

नीलिमा शिंगणे जगड 

अकोला : दीपावली स्थानिक पंचांग के आधार पर पश्चिमी भागों में 31 अक्टूबर को हो सकती है, परंतु भारत देश के अकोला से लेकर पूर्वी भागों में दीपावली 1 नवंबर को ही रहेगी. 1 नवंबर को संध्या काल के बाद अर्थात प्रदोष शाम 6:16 के समय को स्पर्श करती हुई एक घटी से अधिक अमावस्या प्रदोष काल में आ गई तो यह दिन भर रात्रि सर्वाधिक शुभ मानी गई है. 


निर्णय सिंधु धर्म सिंधु इसमें अलग अलग ऋषियों के मत रहते है, परंतु सबसे अंत में निर्णय लिखा हुआ रहता है. दूसरी अमावस्या में अभ्यंग स्नान एक ऋषि का मत है, परंतु अंतिम निर्णय में धर्म सिंधु पृष्ठ क्रमांक 177 पर लिखता है “एतमते उभयात्रा प्रदोषाव्याप्तीपक्षेपि परत्र दर्शस्य सार्धयामत्रयाधिकव्याप्तित्वात्परैव युक्तति भाति” यानी प्रदोष काल के दूसरे दिन की अमावस्या श्रेष्ठ बताइ अंतिम निर्णय में.



वही खाता खरीदी 


गुरु पुष्य नक्षत्र में गुरुवार 24 अक्टूबर को, तथा धनतेरस पर मंगलवार 29 अक्टूबर को सुबह चंचल में 9:15 से 10: 40 तक सुबह 10:40 से दोपहर 12:06 तक, अमृत में दोपहर 12:06 से01:31, शुभ दोपहर 02:56 से04:22, लाभ रात्रि 07:22 से  8:56 तक.



श्री लक्ष्मी पूजन 1 नवंबर को 

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स्थिर लग्न-: वृश्चिक प्रातः काल 7:13 से 09:48 तक,


कुंभ-: दोपहर 1:42 से 3:18 तक,,

वृषभ संध्या 6:33 से लेकर तो 8:32 तक,


सिंह-: मध्य रात्रि 12:59 से लेकर तो 3:09 तक इसके अलावा द्विस्वभाव लग्न के स्थिर समय में भी आप लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं.


प्रदोष महाराष्ट्रीयन पंचांग के अनुसार 

शाम 5:44 से लेकर तो 8:15 तक.


दिन के चौघड़िया-: 


चंचल 7:45 से 9:13 तक

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लाभ 9:13 से 10:40 तक

                       

अमृत 10:40 से12:07तक

                   

शुभ 1:33 से 2:49 तक

    

संध्या एवं रात्रि के चौघड़िया-:


शुभ 5:53 से  7:26 तक

                

अमृत 7:26 से 8:59 तक

               

चंचल  8:59 से  10:33 तक. 


स्थिर लग्न में आप गादीबिछा सकते हैं.




प्रतिष्ठान खोलने का मुहूर्त-:  

2 नवंबर सुबह 11:43 से 12:28 तक अभिजीत मुहूर्त में.

चंचल लाभ अमृत दोपहर 12:05 से 4:20 तक.




उक्त दीपावली विषय को लेकर अकोला पुरोहित संघ की सभा चित्रा चौक स्थित बालाजी मंदिर में ली गई थी. सभा में सर्वश्री पंडित कमल बालमुकुंद शर्मा, शिवकुमार इंदौरिया, विमल व्यास, हितेश मेहता, सचिन राजगुरु, रतन तिवारी, चंद्रकांत शर्मा, घनश्याम जोशी, रमेश चंद्र आडीचवाल, आलोक शर्मा, नरेंद्र पंचारिया, सचिन शर्मा, शिव शर्मा, रजनीकांत जाडा, श्याम अवस्थी, हरीश उपाध्याय, दीपक शर्मा, लाल तिवारी, बाबूलाल तिवारी, प्रमोद तिवारी, दीपक तिवारी, हेमंत शर्मा, राजेश शर्मा, देवेंद्र शर्मा, भैरू शर्मा, धीरज तिवारी एवं पंडित रवि कुमार शर्मा प्रमुख रूप से उपस्थित थे.

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