identification campaign gst office : जीएसटी कार्यालय द्वारा 16 मई से चलाए जा रहे पहचान अभियान से व्यापारी चिंतित ना हो: निकेश गुप्ता

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भारतीय अलंकार 24

अधि. नीलिमा शिंगणे जगड 

अकोला: जगह-जगह अखबारों में और व्हाट्सएप के माध्यम से बहुत तेजी से जीएसटी विभाग के अभियान (सर्वे) के बारे में अलग-अलग प्रकार की खबरें छपने से बहुत से व्यापारी चिंतित व दहशत में है। वे घबरा रहे हैं। इस विषय को लेकर विदर्भ चैम्बर ने आपातकालीन सभा बुलाई। सभा में यह स्पष्ट किया गया कि व्यापारियों को इस अभियान का मूल कारण मालूम रहना चाहिए।  इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। जीएसटी कार्यालय द्वारा 16 मई 2023 से चलाए जा रहे पहचान अभियान से व्यापारी चिंतित ना हो, ऐसा आवाहन विदर्भ चैम्बर ऑफ कॉमर्स अकोला अध्यक्ष निकेश गुप्ता इन्होंने किया है।



                   निकेश गुप्ता 




जब जीएसटी का पंजीकरण हो रहा था तो बगैर स्थान के निरीक्षण के जीएसटी नंबर दे दिया गया था। आधार नंबर से उसे जोड़ा गया था।  इन 5 सालों के अनुभव के अनुसार, सरकार को ऐसा लग रहा है कि बहुत से लोगों ने फर्जी जीएसटी नंबर लिया है। ऐसे लोगों को चिन्हित करके सजा देना जरूरी है। इसीलिए यह अभियान है। दिनांक 16 मई से चलाए जाने वाले अभियान का मूल उद्देश्य फर्जी जीएसटी पंजीकृत लोगों की पहचान करना है। जो सही कार्य कर रहे हैं उन्हें  कुछ भी नहीं होगा।




इस सन्दर्भ में कैट क़े राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतीया नागपुर ने बताया कि अलग-अलग राज्यों ने  प्रेस नोट के माध्यम से खुलासा किया गया है। भारत सरकार के द्वारा जारी दिशानिर्देश एवं दी गई मार्गदर्शिका के अनुक्रम में राज्य एस जी एस टी विभाग एवं सीजीएसटी विभाग द्वारा राज्य में पंजीकृत ऐसे करदाता जोकि फर्जी हैं अथवा जिनका अस्तित्व वहीं है इनके विरुद्ध जांच अभियान चलाया जा रहा है। जो सही कर देता है उन्हें किसी भी प्रकार से परेशान नहीं किया जाएगा। यह भी स्पष्ट है कि जांच अभियान किसी भी रूप में व्यवहारीक व्यापारियों की डोर टू डोर जांच या सर्वे का अभीयान नहीं है। केवल मात्र उन करदाताओं के अस्तित्व एवं व्यापारिक गतिविधियों की वास्तविकता की जांच के लिए है। जिन करदाताओं ने जीएसटी नंबर लिया है व अपना नाम एसजीएसटी विभाग एवं सीजीएसटी विभाग को दिया है उसमें विभाग को जीएसटी नेटवर्क पोर्टल से नाम प्राप्त हुए हैं वहीं जांच की जा रही है। 




जीएसटी के संदर्भ में जीएसटी नेटवर्क पोर्टल से प्राप्त नामों के विभाग की इंटेलिजेंट शाखा तथा कार्यालय में काम करने वाले लोगों से प्राप्त सूचना के आधार पर केवल मात्र ऐसे करदाताओं के संदर्भ में जांच की जानी है जिन करदाताओं के बारे में ऐसी सूचनाएं हैं उक्त करदाता या तो अस्तित्व में ही नहीं है या फिर बिन कोई वास्तविक व्यापारिक गतिविधि के फर्जी आईटीसी उपलब्ध करवाने का  कार्य कर रही है। क्योंकि जांच अभियान केवल फर्जी करदाताओं के संदर्भ में ही है अतः अन्य करदाताओं को किसी भी प्रकार से भ्रमित नहीं होना चाहिए।




विदर्भ चैम्बर के जी एस टी समिति क़े एडवोकेट धनंजय पाटिल सीए दीपक अग्रवाल गिरीश धबलिया ने बताया कि हर व्यापारी को अपनी दुकान के सामने व्यवसाय का नाम तथा जीएसटी नंबर लिखना अनिवार्य है। समय समय से जो भी तारीख के पहले जैसा भी विवरण भरना है वह समय से भरे। यह अभियान आपके अस्तित्व की जांच संबंधित है। आपके व्यवसाय की जगह या बही खातों की जांच संबंधित नहीं है। इसकी भी जानकारी व्यापारियों को होना चाहिए। यदि किसी भी करदाता के यहां कोई भी अधिकारी या निरीक्षक परेशान करता है तो उसकी शिकायत पूरे ब्योरे के विदर्भ चैम्बर के दफ्तर में के पास शिकायत हेतु भेजा जा सकता है।

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