Mahashivratri 2021: आठों प्रहर महाशिवरात्रि पर शिव पूजा शुभ - अकोला पुरोहित संघ

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भारतीय अलंकार 24

अकोला : खोलेश्वर स्थित श्री भोलेश्वर मंदिर में अकोला पुरोहित संघ की सभा 11 मार्च महाशिवरात्रि पूजन मुहूर्त तथा रुद्राभिषेक प्रकार को लेकर आज संपन्न हुई. आठों प्रहर महाशिवरात्रि पर शिव पूजा शुभ है, ऐसी जानकारी पुरोहित संघने  दी है।



महाशिवरात्रि का महत्त्व

महाशिवरात्रि को महानिशा कहां गया हैं, शिव पार्वती विवाह, भगवान शिव का लिंग रूप में अवतार इसी दिन होने से दिन के चार प्रहर रात्रि के चार प्रहर कभी भी आप शिव पूजन कर सकते हैं, फिर भी यदि आप विशेष समय में विशेष वस्तुओं से भगवान शिव का पूजन करना चाहे, तो महा निशीथ काल अर्ध रात्रि 12:07 बजे से 12:55 बजे तक शिव पूजन अभिषेक कर सकते हैं. 



शिवपूजन 

शास्त्रों में रात्रि के चारों प्रहर में अलग-अलग वस्तुओं से शिव पूजन करने का विधान है. प्रथम प्रहर सायंकाल 6:28 बजे से 9: 28 बजे तक, दूसरा प्रहर रात्रि 9: 28 से 12:28 बजे तक, रात्रि का तीसरा प्रहर 12: 28 से 3:28 तक तथा अंतिम प्रहर रात्रि 3: 28  से तड़के सुबह 6: 28 तक रहेगा. दिन में शुभ समय में सुबह 6:35 बजे से 8: 4 बजे तक, चर में सुबह 11:03 बजे से 12:32 बजे तक, लाभ में दोपहर 12:32 बजे से 2: 1 बजे तक, अमृत में 2: 1 बजे से दोपहर 3:31 बजे तक, शुभ चौघड़िया में संध्याकाल 4: 49 बजे से 6: 29 बजे तक शिव पूजन किया जा सकता है. 



शिव अभिषेक

शास्त्रों में कामना विशेष अनुसार शिव अभिषेक द्रव्य बताए गए हैं. जिन्हें लक्ष्मी चाहिए वे गन्ने के रस से अभिषेक करें, लंबी आयु उत्तम स्वास्थ्य पुत्र संतान कामना रखने वाले गाय के दूध नीम गिलोय और जल से अभिषेक करें, पशुधन चाहने वाले दही से, अधिक धन चाहने वाले शहद जी से, शक्कर और दूध से तेज बुद्धि चाहने वाले अभिषेक करें, शत्रु नाश के लिए राई के तेल से अभिषेक करें, मोक्ष चाहने वाले गंगाजल व अन्य तीर्थ जल से भगवान शिव का अभिषेक करें, रुद्राष्टाध्याई, नमक चमक, लघु रूद्र, महारुद्र अति रुद्र रुद्राभिषेक किया जा सकता है, भगवान शिव स्वयं पार्वती से कहते हैं “महाशिवरात्रि के महापर्व पर जो भी भक्त ज्ञान या अज्ञान से मेरा व्रत करता है, वह भक्त मोक्ष को पा जाता है”. 


पंचाक्षर मंत्र जाप


महाशिवरात्रि पर पंचाक्षर मंत्र ओम नमः शिवाय का जाप करना अर्थात साक्षात शिव को पा लेना है मोक्ष से भी बढ़कर शिव जाप का फल है, 14 बरस या 24 वर्ष महाशिवरात्रि का व्रत करने वाला उद्यापन करने का अधिकारी हो जाता है, वस्तु विशेष की अपेक्षा ज्ञान की अपेक्षा शिव पूजन में श्रद्धा का महत्व है, यह विशेष ध्यान रखें. 




सभा में पंडित राजू सिरोलिया, श्याम अवस्थी, प्रमोद तिवारी, नरेंद्र पंचारिया, भैरू शर्मा, आलोक शर्मा, हेमंत शर्मा, पंडित रवि कुमार शर्मा उपस्थित थे.

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