Mahashivratri 2022: महाशिवरात्रि पूजन विधि विधान तथा महाशिवरात्रि के चार प्रहर

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नीलिमा शिंगने  जगड़

अकोला: स्थानिक भोलेश्वर शिव मंदिर में 1 मार्च मंगलवार को आने वाली महाशिवरात्रि निमित्त अकोला पौरोहित्य संघ की सभा ली गई. निर्णय सिंधु व्रत राज तथा शिव पुराण इत्यादि ग्रंथों के अनुसार फाल्गुन कृष्ण पक्ष चौदस की मध्यरात्रि निशीथ काल में भगवान शिव के लिंग का पृथ्वी पर अवतरण हुआ था. इसी कारण रात्रि के चार पहर का शिव पूजन में अत्यधिक महत्व है. 



प्रथम प्रहर-: सायंकाल 6:24 बजे से रात्रि 9:24 तक, दूसरा प्रहर-: रात्रि 9:24 बजे से 12:24 बजे तक. तीसरा पहर-: रात्रि 12:24 बजे से 3:24 बजे तक. चौथा प्रहर-: रात्रि 3:24 बजे से सुबह 6:24 बजे तक रहेगा. 



महा निशीथ काल-: यह मुहूर्त शिव पूजन में महत्वपूर्ण समझा जाता है इसका समय रहेगा मध्य रात्रि 12:10 बजे से रात्रि 1:00 बजे तक. 



शिकारी निषाद ने इन्हीं चार प्रहर में मात्र बेलपत्र चढ़ाकर अनायास ही शिवरात्रि का पूजन किया था और सशरीर शिवलोक को प्राप्त कर लिया. पाध्य अर्ध्य आचमन स्नान दूध दही घी शक्कर शहद वस्त्र उप वस्त्र जनेऊ पुष्प पुष्प माला बिल्वपत्र अबीर गुलाल दीपदान सुगंधित द्रव्य उत्तम नेवैद्य पान सुपारी लोंग इलाइची ऋतु फल से शिव भगवान का पूजन कर स्तुति प्रार्थना गान करना चाहिए. 




धन प्राप्ति हेतु  गन्ने का रस, खीर तो गाय  के दूध से पुत्र प्राप्ति, जल से ज्वर शांति, नीम गिलोय रस रोग शांति , तथा शक्कर और दूध से अभिषेक करने से तेज बुद्धि की प्राप्ति होती है इस प्रकार से कामना विशेष के लिए शिव अभिषेक करना चाहिए. 



शिवरात्रि का उपवास 14 वर्ष तक करके उद्यापन करना चाहिए उद्यापन के लिए जिसकी जैसी शक्ति हो उसी तरह से उद्यापन कर ले, निर्धन व्यक्ति 14 लोटे पानी शिवजी को चढ़ाकर उद्यापन कर ले तो धनवान व्यक्ति को पूरे विधि विधान से उद्यापन करना चाहिए होम हवन अभिषेक 14 ब्राह्मण भोजन, 14या 12 गायों का दान महत्वपूर्ण है. 



इस दिन प्रातः सूर्योदय से ही रुद्राभिषेक किया जा सकता है. आपके पास कुछ हो या ना हो केवल श्रद्धा और एक लोटा पानी जरूर होना चाहिए ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए बस हो गया शिवरात्रि पूजन. 



भगवान शिव को धन नहीं आस्था और भक्ति चाहिए, और यदि धन हो तो 11 ब्राह्मणों से लघु रुद्र का अभिषेक कामना विशेष के लिए करना चाहिए. आयुर्वेद में वर्णित औषधियां इस दिन हवन का विशेष फल देती है सार्वजनिक उत्तम स्वास्थ्य के लिए हवन किया जा सकता है. 



सभा में सर्वश्री पंडित गौरव व्यास, विमल व्यास, रमेश आडीचवाल, हेमंत शर्मा ,राजेश शर्मा ,श्याम सुंदर अवस्थी, एवं पंडित रवि कुमार शर्मा उपस्थित थे





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